Sharad Purnima

कल रखा जाएगा शरद पूर्णिमा व्रत, देखें व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त 

Shard-purnima

Sharad Purnima fast will be kept tomorrow

प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष शरद पूर्णिमा व्रत 9 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा। मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान शास्त्रों में वर्णित है। इस दिन धरती पर माता लक्ष्मी का आगमन होता है। 

शरद पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 9 अक्टूबर सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 10 अक्टूबर सुबह 2 बजकर 25 मिनट तक

चंद्रोदय का समय- 9 अक्टूबर शाम 5 बजकर 58 मिनट

शरद पूर्णिमा पर बन रहा खास योग
इस साल शरद पूर्णिमा पर काफी खास संयोग बन रहा है इस दिन वर्धमान के साथ धुव्र योग बन रहा है। इसके साथ उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र बन रहा है। ऐसे में शरद पूर्णिमा का दिन काफी खास है।

शरद पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी महत्व है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी। इस दिन मां की पूजा विधिवत तरीके से करने से सुख-समृद्धि, धन वैभव की प्राप्ति होती है। 

शरद पूर्णिमा 2022 पूजा विधि
शरद पूर्णिमा के दिन स्नान दान का काफी अधिक महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत रखें।

एक साफ सुथरी जगह में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रख दें। इसके बाद फूल, अक्षत, चंदन, धूप, नैवेद्य, सुपारी, पान, लौंग, बाताशा, भोग आदि चढ़ा दें। इसके बाद विष्णु जी की आरती कर लें।

दिन में किसी समय खीर बनाकर रख लें। इसके साथ ही शाम को चंद्रमा निकलने के 1-2 घंटे बार चंद्रमा की किरणों के सामने खीर रख दें। इसे किसी पारदर्शी चीज से ढक दें। अगले दिन सुबह उठकर इस खीर से मां लक्ष्मी को भोग लगाएं और फिर इसे प्रसाद के रूप में खाएं।